गृहारंभ में नींव खोदने के लिए राहु की दिशा का विचार परम आवश्यक होता है , क्योंकि कभी भी राहु के मुख एवं पुच्छ में नींव नहीं खोदना चाहिए । अतः सदा सर्वदा नींव की खुदाई राहु के पीठ में करना चाहिए ।
किस राशिके सूर्य में राहु का मुख , पुच्छ तथा पीठ किस दिशा में है , इसे निम्न तालिका से स्वयं जानें -
:गृहारंभ :
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सूर्य की राशि - राहू का मुख - राहू का पूछ - राहू का पीठ
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सिंह,कन्या,तुला - ईशान(NE) - नैर्र्रित्य(SW) - आग्नेय (SE)
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वृश्चिक,धनु,मकर - वायव्य(NW) - आग्नेय(SE) - ईशान (NE)
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कुम्भ ,मीन,मेष - नैर्रित्य (SW) - ईशान (NE) - वायव्य (NW)
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वृष,मिथुन, कर्क - आग्नेय (SE) - वायव्य (NW) - नैर्रित्य (SW)
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उदाहरनार्थ: यदि आपको सिंह ,कन्या या तुला राशि के सूर्य में घर का निर्माण आरम्भ करना हो तो इस समय
चूँकि राहू का मुख ईशान (NE) में रहता है तथा राहू का पूछ नैर्रित्य (SW) में रहता है । अतः इन दिशाओं में
नींव की खुदाई न करके राहू की पीठ ,जो की आग्नेय (SE) दिशा में होता है , उसी दिशा में खुदाई या नींव देनी चाहिय ।
........आचार्य रंजन
( ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ )
किस राशिके सूर्य में राहु का मुख , पुच्छ तथा पीठ किस दिशा में है , इसे निम्न तालिका से स्वयं जानें -
:गृहारंभ :
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सूर्य की राशि - राहू का मुख - राहू का पूछ - राहू का पीठ
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सिंह,कन्या,तुला - ईशान(NE) - नैर्र्रित्य(SW) - आग्नेय (SE)
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वृश्चिक,धनु,मकर - वायव्य(NW) - आग्नेय(SE) - ईशान (NE)
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कुम्भ ,मीन,मेष - नैर्रित्य (SW) - ईशान (NE) - वायव्य (NW)
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वृष,मिथुन, कर्क - आग्नेय (SE) - वायव्य (NW) - नैर्रित्य (SW)
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उदाहरनार्थ: यदि आपको सिंह ,कन्या या तुला राशि के सूर्य में घर का निर्माण आरम्भ करना हो तो इस समय
चूँकि राहू का मुख ईशान (NE) में रहता है तथा राहू का पूछ नैर्रित्य (SW) में रहता है । अतः इन दिशाओं में
नींव की खुदाई न करके राहू की पीठ ,जो की आग्नेय (SE) दिशा में होता है , उसी दिशा में खुदाई या नींव देनी चाहिय ।
........आचार्य रंजन
( ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ )