नीचे हम नक्षत्रों के नाम तथा आकाश-मंडल में उनका स्वरुप तथा दिशा (जिधर वे अवाश्थित हैं ) की जानकारी दे रहे हैं ---
नक्षत्रों के नाम- नक्षत्रों के स्वरुप- दिशा(आकाश में)
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१- अश्वनी --- अश्वमुख के समान ---उत्तर
२- भरनी --- योनी के समान ---उत्तर
३- कृतिका ---छुरे के समान ---मध्य
४- रोहिणी ---शकट के समान ---मध्य
५.- मृगशिरा--हिरन मुख के समान -दक्षिण
६- आर्द्रा ---मणि के समान --- दक्षिण
७ - पुनर्वसु ---गृह के समान --- दक्षिण
८ - पुष्य ---वन के समान ---मध्य
९- आश्लेषा ---चक्र के समान ---मध्य
१०- मघा ---भवन के समान ---उत्तर
११- पूर्व-फाल्गुनी -चारपाई के समान--उत्तर
१२- उत्तरा-फाल्गुनी -शय्या के समान -उत्तर
१३- हस्त ---हाथ के समान ---दक्षिण
१४- चित्रा ---मोती के समान ---मध्य
१५- स्वाति ---मूंगे के समान ---उत्तर
१६- विशाखा ---तोरण के समान --- उत्तर
१७- अनुराधा ---चावल के समान ---दक्षिण
१८- ज्येष्ठा ---कुंडल के समान ---दक्षिण
१९- मूला ---सिंह के पूँछ के समान-दक्षिण
२०- पूर्वा-सादा -हाथी के दंत के समान-दक्षिण
२१- उत्तरा-सादा -मंच के समान ---दक्षिण
२२- श्रवण ---वामन के ३चरण के समान- मध्य
२३- धनिष्ठा --मृदंग के समान ---मध्य
२४- शतभिषा -वृत्त के समान ---मध्य
२५- पूर्वा -भाद्रपद -मंच के समान ---उत्तर
२६- उत्तरा-भाद्रपद -युगल तारे के समान --उत्तर
२७- रेवती ---मृदंग माला के समान --मध्य
********************आचार्य रंजन (ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ )