" ज्योतिष एवं वास्तु से सम्बंधित इस ब्लॉग पर आपको ' आचार्य रंजन ' का नमस्कार !! "

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Thursday, April 23, 2009

* ज्योतिष के सन्दर्भ में :

आचार्य रंजन
(Astrologer & Vaastu Specialist),Begusarai

" ज्योतिष शास्त्र के ज्ञान से मनुष्य को श्रेष्ठ लाभ यह है की उसे पूर्वजन्म के शुभाशुभ कर्मो का ज्ञान ,वर्तमान जन्म में शुभकर्म करने की आवश्यकता , मानविय जन्म का उद्देश्य , ईश्वरीय व मानवीय शक्ति में अन्तर , कर्म और भोग की मर्यादा , प्रारब्ध और प्रयत्न की सीमा व दोनों का परस्पर सम्बन्ध , अनुकूल व प्रतिकूल समय का ज्ञान व संकट समय मन में धैर्य रख उस पर विजय प्राप्त करने की शक्ति प्राप्त होती है । इस शक्ति से मन में संतोष , संतोष से चिंता का नाश ,चिंता-नाश से धर्म की प्राप्ति ,धर्म से धैर्य व शक्ति की प्राप्ति और शक्ति से ईश्वर के प्रति भक्ति व विश्वास क्रमशः प्राप्त करते हुए व सांसारिक आपत्तियों को सहर्ष स्वीकार करने की क्षमता प्राप्त होती है । "

* नवग्रह शांति के अचूक उपाय *



प्रयोग विधि :-

निम्न सामग्री को लेकर लगभग 8-10 लीटर पानी में डालकर खूब उबाल लें (लगभग १ घंटा ) । फिर इस पानी को रात भर ठंडा होने के लिए छोड़ दे । अगले दिन जब आप स्नान करने जाएँ तो इस liquid को छान कर किसी बर्तन में लगभग 2 ग्लास के आसपास निकाल कर ले जाये फिर जब आपका स्नान समाप्त हो जाये तो अंत में लगभग एक बाल्टी सादा पानी में इस liquid को मिलाकर खूब अच्छी तरह से स्नान करे , फिर देखें इसका चमत्कार !


सामग्री :-
१) कच्चा चावल (अरवा चावल ) :- १०० ग्राम
२) सरसों :- १०० ग्राम
३) नागरमोथा :- १०० ग्राम
४) सुखा आंवला :- १०० ग्राम
५) हल्दी (गाँठ वाली ) :- ५० ग्राम
६) ढुबी (दूब घास ) :- १०० ग्राम लगभग
७) तुलसी पत्र :- ५१ से १०८ पत्ता
८) बेलपत्र :- ५१ से १०८ पत्ता ( ३-३ पत्तों वाला )



लाभ :-
* कोई भी इंसान कितना ही tension में क्यों न हो ?कोई भी कार्य यदि विफल हो रहा हो !उपरोक्त प्रयोग प्रतेक मनुष्य को शारीरिक , मानसिक एवं आर्थिक रूप में तुंरत लाभ प्रदान करता है ।
*यदि किसी भी ग्रह का कोई विशिस्ट अनुष्ठान करने का कोई सलाह दिए हो और उसे करने में आप असमर्थता अनुभव कर रहे हो तो भी ऊपर लिखे प्रयोग कर आप तुंरत लाभान्वित हो सकते है -- आचार्य रंजन
नोट :- प्रयोग के दोरान किसी भी शंका का समाधान हेतु आप हमसे किसी भी समय मुफ्त सलाह ले सकते है
- Aacharya Ranjan
(Astrologer & Vaastu Specialist)






नवरत्न एवं उसके समतुल्य प्रभाव प्रदान करने वाले वनस्पतियाँ ** -Aacharya Ranjan


ग्रह - रत्न - वनस्पति - दिन
सूर्य - मानिक (Ruby) - बेल का जड़ - रविवार
चंद्रमा - मोती (Pearl) - खिरनी का जड़ - सोमवार
मंगल - मूंगा (Coral) - अनंतमूल का जड़ - मंगलवार
बुध - पन्ना(Emarald) - विधारा का जड़ - बुधवार
बृहस्पति - पुखराज(Topaz) - केला का जड़ - गुरुवार
शुक्र - हीरा (Diamond) - शर्पुन्खा का जड़ - शुक्रवार
शनि - नीलम (Blue Shapphire) - बिच्छु का जड़ - शनिवार
राहू - गोमेदGomed ) - श्वेत चन्दन का जड़ - शनिवार
केतु - लहसुनिया (Cats Eye) - अश्वगंधा का जड़ - बुधवार

नोट :- वनस्पति धारण करने से पूर्ब समय की जानकारी हेतु पहले संपर्क कर ले । -आचार्य रंजन (ज्योतिषी & वास्तु विशेषज्ञ )

* VERY HOT TIPS OF VAASTU *


-"आचार्य रंजन "

* धन की कमी की वजह से यदि मकान नहीं बना पा रहे हों तो उस ज़मीन पर 'रवि-पुष्य ' या 'शुक्र -पुष्य ' नक्षत्र में एक साथ दो "अनार का पौधा " ईशान क्षेत्र में लगा दें । मकान शीघ्र बन जायेगा ।

* यदि मकान बनाने के लिए धन नहीं है तो अपने ज़मीन का ' ईशान -क्षेत्र अग्रेत' कर किसी वास्तु - विशेषज्ञ के सलाह के उपरांत ज़मीन के ईशान में ही 'बोरिंग' करवा दें । इससे मकान बनने के साथ - साथ आय के नए -नए क्षेत्र भी बन जायेंगे ।


* यदि घर में कुंवारी कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हो , तो उस कन्या का 'शयनकक्ष' वायव्य -क्षेत्र में कर दें एवं " केले के गाछ का मूल (ROOTS)" पीले धागे में बाँध कर दाहिने भुजा पर बाँध दें , विवाह तुंरत हो जायेगा ।

* कार्यालय / दूकान में उत्तरी-ईशान क्षेत्र में "मछली-घर (Acquarium)" अवश्य लगवाएं ,आय के श्रोत बढ़ जायेंगे।

* कार्यालय /दूकान में काउंटर पर "Mungoose" की विधिवत स्थापना करें । इसके प्रभाव से ग्राहक बार-बार आते हैं तथा आपके द्वारा दिया गया उधार की राशि भी स्वतः लौट आती है ।
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