" ज्योतिष एवं वास्तु से सम्बंधित इस ब्लॉग पर आपको ' आचार्य रंजन ' का नमस्कार !! "

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Monday, May 18, 2009

* होम या हवन आदि में अग्निवास जानना *

-आचार्य रंजन , बेगुसराय (बिहार )

कोई भी अनुष्ठान के पश्चात हवन करने का शास्त्रीय विधान है और हवन करने हेतु भी कुछ नियम बताये गए हैं जिसका अनुसरण करना अति - आवश्यक है , अन्यथा अनुष्ठान का दुष्परिणाम भी आपको झेलना पड़ सकता है । इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात है हवन के दिन 'अग्नि के वास ' का पता करना ताकि हवन का शुभ फल आपको प्राप्त हो सके ।
जिस दिन आपको होम करना हो , उस दिन की तिथि और वार की संख्या को जोड़कर १ जमा करें फिर कुल जोड़ को ४ से भाग देवें

-यदि शेष शुन्य (०) अथवा ३ बचे , तो अग्नि का वास पृथ्वी पर होगा और इस दिन होम करना कल्याणकारक होता है ।

-यदि शेष २ बचे तो अग्नि का वास पाताल में होता है और इस दिन होम करने से धन का नुक्सान होता है ।

-यदि शेष १ बचे तो आकाश में अग्नि का वास होगा , इसमें होम करने से आयु का क्षय होता है ।

अतः यह आवश्यक है की होम में अग्नि के वास का पता करने के बाद ही हवन करें ।

* वार की गणना रविवार से तथा तिथि की गणना शुक्ल-पक्ष की प्रतिपदा से करनी चाहिए तदुपरांत गृह के 'मुख-आहुति-चक्र ' का विचार करना चाहिए इसके लिए किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श कर लें *

* यात्रा आदि में शुभ एवं अशुभ मुहूर्त विचार *

रविवार -
शुभ दिशाएं -- पूर्व , उत्तर ,आग्नेय (दक्षिण-पूर्व )

अशुभ दिशाएं - पश्चिम , वायव्य (उत्तर-पश्चिम )


सोमवा -
शुभ दिशाएं --- पश्चिम , दक्षिण , वायव्य

अशुभ दिशाएं -- पूर्व , उत्तर , आग्नेय


मंगलवार -
शुभ दिशाएं --- दक्षिण-पूर्व

अशुभ दिशाएं -- उत्तर , पश्चिम , वायव्य


बुधवार -
शुभ दिशाएं --- दक्षिण ,पूर्व , नैर्रित्य (दक्षिण-पश्चिम)

अशुभ दिशाएं - उत्तर , पश्चिम ,ईशान (पूर्व-उत्तर)


गुरूवार -
शुभ दिशाएं --- पूर्व , उत्तर , ईशान

अशुभ दिशाएं - दक्षिण , पूर्व , नैर्रित्य


शुक्रवार -
शुभ दिशाएं -- पूर्व , उत्तर , ईशान

अशुभ दिशाएं - पश्चिम , दक्षिण , नैर्रित्य


शनिवार -
शुभ दिशाएं --- पश्चिम , दक्षिण , नैर्रित्य

अशुभ दिशाएं - पूर्व , उत्तर , ईशान

* उपरोक्त दिनों में शुभ दिशाओं का ही चयन करना चाहिए , परन्तु यदि किसी कारण से यात्रा के दिन इनमें से शुभ दिशा का चयन नहीं कर पा रहें हो तथा आपको उस दिन यात्रा करना अनिवार्य ही हो तो किसी नजदीकी ज्योतिषी से संपर्क कर शुभ होरा का पता कर ही यात्रा करें और इसके साथ साथ निम्न बातों पर भी अमल कर बेझिझक यात्रा करें -


-- रविवार को दलिया एवं घी खाकर ,

-- सोमवार को दर्पण देखकर या दूध पीकर ,

-- मंगलवार को गुड खाकर ,

-- बुधवार को धनिया या तिल खाकर ,

-- गुरूवार को दही खाकर ,

-- शुक्रवार को जौ खाकर या दूध पीकर और

-- शनिवार को अदरख या उरद खाकर प्रस्थान किया जा सकता है ।


- आचार्य रंजन (ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ ), बेगुसराय , बिहार ,Mo -09431236090 & Tel- 06243-243901
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