प्रिय मित्रों , ईश्वरीय विधान के अनुशार जिस किसी जीव ने इस पृथ्वी पर जन्म लिया है उसे सुख - दुःख , लाभ - हानि , जय - पराजय इत्यादि माया के इस रूप का सामना करना ही पड़ता है , जिसे हम इंसानों में इसमें परिवर्तन लाने की क्षमता नहीं है , शायद , ईश्वर ने अपने इस रचित ब्रह्माण्ड के सञ्चालन को सुचारू रूप से कार्यान्वित कर सकें , यह सोचकर उन्होंने हम इन्सानों को सिमित शक्तियां देकर इस जहां में भेजे हों !
खैर , प्रभु की माया प्रभु ही जाने !
मित्रों , उनके ही प्रेरणा से हमें जो संकेत आ रहे हैं , उसी की विवेचना हम कर रहे हैं -
बृहस्पति ग्रह द्वारा कल यानी दिनांक 6/12/2010 @ 9:12: a.m. को स्वयं की राशि अर्थात मीन राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं , जिसका प्रभाव ज्योतिषीय नियमानुशार -- वृष , कर्क , कन्या , वृश्चिक एवं कुम्भ राशि के जातक व् जातिकाओं के लिए अत्यंत शुभ साबित होने के आसार हैं एवं संभवतः मेष , मिथुन , सिंह , तुला , धनु , मकर व् मीन राशि के जातक व् जातिकाओं के लिए थोड़ी कष्टदायक एवं परेशानी भरी हो सकती है !
कल से हम इन सभी राशि के हितार्थ विस्तार से फलादेश का प्रकाशन प्रारंभ करने जा रहे हैं , अतः आप सभी जिज्ञाशु पाठक गण अपने अपने वास्तविक राशि , लग्न एवं वर्तमान में चल रहे दशा इत्यादि की जानकारी प्राप्त कर लें ताकि मेरे लेख से अत्यधिक लाभान्वित हो सकें !
धन्यवाद !
नोट :- कृपया ध्यान देंगे , की उपरोक्त राशी के शुभ - अशुभ फलों के विषय में आज की इस लेख को पढ़कर चिंतित नहीं होंगे , क्योंकि मैं बार बार कहता आ रहा हूँ की उपरोक्त फलादेश सामान्य है , वास्तविक प्रभाव की जानकारी हेतु या तो सीधे संपर्क करें या फिर हमारे लेख के प्रकाशन तक प्रतीक्षा करें या किसी योग्य ज्योतिष से संपर्क कर अपने मिथ्या भ्रम का निराकरण कर लें ! मैं पुनः यहाँ पर दोहराना चाहूँगा की किसी भी राशी परिवर्तन का शुभ व् अशुभ प्रभाव व्यक्ति के कुंडली में चल रहे दशा - अन्तर्दशा , लग्न की स्थिति , राशी की स्थिति एवं ग्रहों का बलाबल तथा वर्तमान में चल रहे कुंडली के अन्दर अन्य सभी ग्रहों की स्थिति -- इन सबों की समीक्षात्मक व् मिश्रित प्रभाव के अध्ययन के बाद ही यह पूर्ण रूप से कहा जा सकता है की हाँ आपके लिए शुभ है और आपके लिए अशुभ !- आचर्य रंजन