-आचार्य रंजनकिसी बालक या बालिका का नामकरण बच्चे के जन्म नक्षत्र एवं उसके चरनानुसार रखने की परिपाटी भारत-वर्ष में रहा है । नक्षत्रों के चरण भी हिंदी वर्णमाला के अनुसार ही अभिव्यक्त किये जाते हैं , अर्थात नक्षत्र के जिस चरण पर बच्चे का जन्म होगा , उसी के अनुसार उसका नाम रखा जाता है ।# नक्षत्र के चरनानुसार वर्णाक्षर # १ -अश्वनी ----(मेष ) चू , चे , चो , ला
२- भरणी ----ली , लू , ले , लो
३- कृतिका ---अ ,(वृष ) इ, उ , ऐ
४- रोहिणी ---ओ , वा , वी , वू
५- मृगशिरा ---वे , वो ,(मिथुन ) का , की
६- आर्द्रा ---कू , घ , ङः , छ
७- पुनर्वसु ---के , को , ह , (कर्क ) हि
८- पुष्य ---हु , हे , हो , डा
९- आश्लेषा ---डी , डू , डे , डो
१०- मघा ---(सिंह) मा , मी , मू , मे
११- पूर्व-फाल्गुनी ----मो , टा , टी , टू
१२- उत्तरा-फाल्गुनी --टे , (कन्या ) टा , पा , पी
१३- हस्त ---पू , षा , ण , ठ
१४- चित्रा ----पे , पो , (तुला) रा , री
१५- स्वाति ----रू , रे , रो , ता
१६- विशाखा ----ती , तू , ते , (वृश्चिक ) तो
१७- अनुराधा ----ना , नी , नू , ने
१८- ज्येष्ठा ----नो , या , यी , यूं
१९- मूला ----(धनु) ये , यो , भा , भी
२०- पूर्वा-सादा ----भू , ध , फ , ढ
२१- उत्तरा-सादा ----भे , (मकर ) भो , जा , जी
२२- श्रवण ----खी , खू , खे , खो
२३- धनिष्ठा ----ग , गी , (कुम्भ ) गू , गे
२४- शतभिषा ----गो , सा , सी , सू
२५- पूर्वा -भाद्रपद --से , सो , दा , (मीन ) दी
२६- उत्तरा-भाद्रपद ---दू , थ , झ् , ञों
२७- रेवती ----दे , दो , चा , ची
नोट : किसी भी तरह के अस्मंजश्ता की स्थिति में निःसंकोच संपर्क कर सकते हैं ।