प्रयोग विधि :-
निम्न सामग्री को लेकर लगभग 8-10 लीटर पानी में डालकर खूब उबाल लें (लगभग १ घंटा ) । फिर इस पानी को रात भर ठंडा होने के लिए छोड़ दे । अगले दिन जब आप स्नान करने जाएँ तो इस liquid को छान कर किसी बर्तन में लगभग 2 ग्लास के आसपास निकाल कर ले जाये फिर जब आपका स्नान समाप्त हो जाये तो अंत में लगभग एक बाल्टी सादा पानी में इस liquid को मिलाकर खूब अच्छी तरह से स्नान करे , फिर देखें इसका चमत्कार !
सामग्री :-
१) कच्चा चावल (अरवा चावल ) :- १०० ग्राम
२) सरसों :- १०० ग्राम
३) नागरमोथा :- १०० ग्राम
४) सुखा आंवला :- १०० ग्राम
५) हल्दी (गाँठ वाली ) :- ५० ग्राम
६) ढुबी (दूब घास ) :- १०० ग्राम लगभग
७) तुलसी पत्र :- ५१ से १०८ पत्ता
८) बेलपत्र :- ५१ से १०८ पत्ता ( ३-३ पत्तों वाला )
लाभ :-
* कोई भी इंसान कितना ही tension में क्यों न हो ?कोई भी कार्य यदि विफल हो रहा हो !उपरोक्त प्रयोग प्रतेक मनुष्य को शारीरिक , मानसिक एवं आर्थिक रूप में तुंरत लाभ प्रदान करता है ।
*यदि किसी भी ग्रह का कोई विशिस्ट अनुष्ठान करने का कोई सलाह दिए हो और उसे करने में आप असमर्थता अनुभव कर रहे हो तो भी ऊपर लिखे प्रयोग कर आप तुंरत लाभान्वित हो सकते है -- आचार्य रंजन
नोट :- प्रयोग के दोरान किसी भी शंका का समाधान हेतु आप हमसे किसी भी समय मुफ्त सलाह ले सकते है ।
- Aacharya Ranjan
(Astrologer & Vaastu Specialist)
नवरत्न एवं उसके समतुल्य प्रभाव प्रदान करने वाले वनस्पतियाँ ** -Aacharya Ranjan
ग्रह - रत्न - वनस्पति - दिन
सूर्य - मानिक (Ruby) - बेल का जड़ - रविवार
चंद्रमा - मोती (Pearl) - खिरनी का जड़ - सोमवार
मंगल - मूंगा (Coral) - अनंतमूल का जड़ - मंगलवार
बुध - पन्ना(Emarald) - विधारा का जड़ - बुधवार
बृहस्पति - पुखराज(Topaz) - केला का जड़ - गुरुवार
सूर्य - मानिक (Ruby) - बेल का जड़ - रविवार
चंद्रमा - मोती (Pearl) - खिरनी का जड़ - सोमवार
मंगल - मूंगा (Coral) - अनंतमूल का जड़ - मंगलवार
बुध - पन्ना(Emarald) - विधारा का जड़ - बुधवार
बृहस्पति - पुखराज(Topaz) - केला का जड़ - गुरुवार
शुक्र - हीरा (Diamond) - शर्पुन्खा का जड़ - शुक्रवार
शनि - नीलम (Blue Shapphire) - बिच्छु का जड़ - शनिवार
राहू - गोमेदGomed ) - श्वेत चन्दन का जड़ - शनिवार
केतु - लहसुनिया (Cats Eye) - अश्वगंधा का जड़ - बुधवार
नोट :- वनस्पति धारण करने से पूर्ब समय की जानकारी हेतु पहले संपर्क कर ले । -आचार्य रंजन (ज्योतिषी & वास्तु विशेषज्ञ )
शनि - नीलम (Blue Shapphire) - बिच्छु का जड़ - शनिवार
राहू - गोमेदGomed ) - श्वेत चन्दन का जड़ - शनिवार
केतु - लहसुनिया (Cats Eye) - अश्वगंधा का जड़ - बुधवार
नोट :- वनस्पति धारण करने से पूर्ब समय की जानकारी हेतु पहले संपर्क कर ले । -आचार्य रंजन (ज्योतिषी & वास्तु विशेषज्ञ )
Such a great experience for me to read all these things.
ReplyDeleteThanks
Virender Kumar
Respected Ranjan ji
ReplyDeleteThis type of remedies (navgrah shanti) very useful for every person. I am very thankful to you.
Virender Kumar
SAT SAT NAMAN ACHARYA JI
ReplyDeletenav grah ka snan kis din karna he acharya ji
Nav-grah snaan koi bhi vyakti kisi bhi din se prarambh kar sakta hai .
ReplyDeleteVERY INFORMATIVE BLOG REGARDING VASTU AND ASTROLOGY.
ReplyDeleteBest Astrologer in Delhi
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सर्वश्रेस्ठ खगोल शास्त्री
श्रेष्ठ खगोल शास्त्री
सर ये उपाय कितने दिन तक करना है
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