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Sunday, September 6, 2009

* यदि आपका जन्म सितम्वर माह में हुआ है तो ........*


सितम्वर माह में जन्मे व्यक्ति के स्वभाव इत्यादि के विषय में तारीख के अनुशार जो फलादेश दिया जा रहा है उसमें आंशिक रूप से कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुशार प्रभाव में अन्तर सकता है अतः जैसा की मैंने प्रारम्भ में ही आपसे वायदा किया था की मैं प्रत्येक माह का विवरण प्रकाशित करूंगा , उसी के तहत आप सबों के विशेष अनुरोध पर जनवरी माह से प्रारम्भ कर सितम्वर माह से ही प्रारम्भ कर रहा हूँ एवं पूर्व की भांति आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत करता है
२१ अगस्त से २०-२८ सितम्वर तक पैदा हुए व्यक्ति आमतौर से जीवन में सफलता प्राप्त करते हैंउनमें आश्चर्यजनक स्मरण-शक्ति वाली बुध्धि होती हैअपने संपर्क में आने वाले व्यक्तियों से सतर्क रहते हैं और उनके प्रति अच्छे बुरे की समझ रखते हैंआमतौर से उन पर हावी हुआ जा सकता है और ही उन्हें धोखा दिया जा सकता है
वे हर बात का गहराई से विश्लेषण और परख करते हैंवे अच्छे आलोचक होते हैं , आम तौर से इतने अधिक की उन्हें भलाई या प्रसन्नता नहीं मिल पाती है
बेमेल वस्तुओं पर उनका ध्यान बड़ी जल्दी से जाता हैअपने घरों के बारे में उनकी उत्तम रुचि होती है
आम तौर से वे किसी काम के प्रारम्भ-कर्ता नहीं होते , लेकिन जो योजनायें या काम उन्हें आकर्षित करते हैं अथवा दुसरे लोग जिन्हें पूरा करने में विफल होते हैं , उन्हें वे सफलता से पूरा कर देते हैं। जिस लक्ष्य की ओर उनका ध्यान जाता है , पूरे दत्तचित्त होकर उसके लिए काम करते हैं और जब तक उसे प्राप्त कर लेते , चैन से नहीं बैठते हैं ।

वे पद का बहुत अधिक सम्मान करते हैंकानून तथा कानून के फैसले का उतशाह से समर्थन करते हैंवे उत्तम वकील और वक्ता बन सकते हैं , लेकिन उनका झुकाव नए विचारों को जन्म देने के बजाय पूर्व घटनाओं / दृष्टान्तों का समर्थन करने की ओर अधिक रहता हैमेहनती स्वभाव , इच्छा-शक्ति और संकल्प के कारण वे वैज्ञानिक खोज और व्यापार में भी सफल होते हैं
उनमें अपने तक और अपने विचारों तक सिमित रहने की प्रवृति होती हैलक्ष्य-प्राप्ति के लिए वे स्वार्थ से भी काम लेते दिखाई देते हैंएनी किसी वर्ग की अपेक्षा उनमें अच्छाई और बुराई की हद तक जाने की क्षमता अधिक होती हैयदि उनमें पैसे का मोह पैदा हो जाए तो उसे पाने के लिए कोई कोर- कसर नहीं छोडेंगेवे प्रायः किसी भी काम के अनुरूप अपने को ढाल सकते हैं
प्रेम के विषय में उन्हें समझ पाना सबसे कठिन होता हैविश्व में सबसे अच्छे और सबसे बुरे स्त्री /पुरूष वर्ष के इसी भाग में पैदा हुए हैंप्रारंभिक वर्षों में प्रायः सभी नेक और साफ़ दिल वाले होते हैं लेकिन जब बदलते हैं तो पूरी प्रतिहिंषा से बदलते हैं और इसके ठीक उल्टे बन जाते हैंफिर भी क़ानून के प्रति जन्मजात सम्मान - भावना और अपनी स्वाभाविक कुशलता के कारण वे दूसरे वर्ग के लोगों की अपेक्षा अपनी भावनाओं को छिपाने में अधिक सफल रहते हैंयदि स्वयं पर काबू रहा तो उनमें प्रायः मादक द्रव्यों और शराब के सेवन की प्रवृति पैदा हो जाती है
स्वास्थ्य के बारे में आम तौर से वे रोगों के अपेक्षाकृत कम शिकार होते हैं , लेकिन उनमें एक विचित्र बात यह होती है की अखबारों में पढ़कर हर बिमारी से स्वयं को पीड़ित होने की कल्पना करने लगते हैं
भोजन के बारे में वे बहुत सुरुचिपूर्ण होते हैंरुचि का भोजन मिलने पर उनकी भूख मर जाती हैवातावरण के प्रति वे अत्यन्त संवेदनशील होते हैंताल-मेल में जरा सी कमी या चिद्हन से उनकी स्नायु प्रणाली पर प्रभाव पड़ता है और उन्हें कब्ज या पेचिश की सिकायत हो सकती हैउनमें फेफडों की परेशानी की भी प्रवृति होती है साथ ही कन्धों और भुजाओं की नसों में भी दर्द हो सकता है
इस अवधि में पैदा हुए लोगो को अपेक्षाकृत अधिक धुप और ताज़ी हवा की आवश्यकता होती है
ऐसे लोग सबसे प्रबल मानसिक धरातल पर होते हैंजीवन के प्रति उनके विचार आम तौर से यथाथ्वादी , विश्लेष्णात्मक , संदेही , चतुर और पारखी होते हैंभीड़ का साथ देने के बजाय वे प्रायः एक अलोकप्रिय उद्देश्य की हिमायत करते हैं
मानव स्वभाव के उत्तम पारखी होने के कारण वे आमतौर से अपनी पहली धरना पर ही भरोसा कर सकते हैंलेकिन बाल की खाल निकालने वाले होते हैं और यदि इस प्रवृति को ठीक से नियंत्रण में नहीं रखेंगे तो बाद में रोग-भ्रमी हो जायेंगेइन लोगों के लिए पैसे की बहुत कीमत होती है
साहित्य-समीक्षक और कला - समीक्षक के रूप में वे प्रायः अत्यन्त कुशल रहते हैंस्मरंशक्ति अच्छी होती है , तेज़ी से पढ़ सकते हैं और उनका ध्यान कमजोरियों की ओर शीघ्र चला जाता हैकड़ी म्हणत , दूरदर्शिता और असाधारण परिशुध्धता से वे प्रायः सफलता प्राप्त कर लेते हैं , हलाँकि वर्षों तक वे छिपे रहे आते हैं, परन्तु देर-सवेर उन्हें प्रमुखता मिलती ही है
उनमें प्रेम का बहुत गहरा भाव होता है , लेकिन भावुक या दिखावे वाला नहींएक बार प्रेम पैदा हो जाने पर वे बहुत वफादार रहते हैं , लेकिन ईर्ष्यालु होने की भी प्रवृति होती हैउनके विचार दृढ़ और ओजस्वी होते हैं । एक बार निश्चय कर लेने पर दुनिया का कोई उपदेश उन्हें अपने विचारों से तिलभर भी नहीं डिगा सकता
उनमें प्रायः वस्त्रों और साज - श्रृंगारों पर बहुत अधिक ध्यान देने की प्रवृति रहती है।
उनकी बौध्धिकता मूलतः प्रगतिशील होती है , किंतु विस्तार पर वे बहुत अधिक ध्यान देते हैंउन्हें दूसरो के गुनों को सराहने , अधिक सहिष्णु होने और आलोचना में अधिक नरमी बरतने की आदत डालनी चाहिए
इन लोगों में एक विचित्र बात यह है की वे सदा जवान रहते/ दीखते हैं और उनकी आयु मालूम नहीं होती हैछोटी-छोटी बातों पर वे चिढ और नाराज़ हो जाते हैं लेकिन रक्तपात से घृणा करते हैं
चूँकि वे अत्यन्त संवेदनशील होते हैं अतः चिंता का उन पर अपेक्षाकृत अधिक प्रभाव पड़ता हैपाचन अंग आम तौर से कमजोर होते हैं और भोजन में सावधानी बरतने पर अक्सर आमाशय में घाव हो जाते हैहल्का सदा भोजन , ढेर सारा पानी , ताज़ी हवा , धुप स्नान और सामान्य से अधिक निंद्रा और विश्राम आम तौर से इन लोगों को पुनः स्वस्थ कर देते हैं
* विशेष जानकारी हेतु संपर्क कर सकते हैं * - आचार्य रंजन ( ज्योतिषाचार्य & वास्तु विशेषज्ञ ) सह निदेशक " महर्षि भृगु ज्योतिष संस्थान ", बेगुसराय


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