-आचार्य रंजन
चैत्र शुक्ल-पक्ष प्रतिपदा , श्री रामनवमी , अक्षय - तृतीया , विजयादशमी एवं दीपावली - ये तिथियाँ 'स्वयं सिद्ध' या 'अन्न्पुछ' मुहूर्त कहलाती है। आवश्यक परिस्थितिवश गृहारंभ -आदि मुहूर्तों में कोई मुहूर्त न बन पड़े तो इन स्वयं - सिद्ध मुहूर्तों में से शुभ कार्यों का संपादन किया जा सकता है ।
Monday, August 10, 2009
* स्वयं सिद्ध मुहूर्त ~
आपका क्या कहना है??
1 पाठक ने टिप्पणी देने के लिए यहां क्लिक किया है। आप भी टिप्पणी दें।
Labels: मुहूर्त
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
My baby was born in 23.11.2010 & Time is 03:40 PM tuesday pleease give me a details for me
ReplyDeletemy mail id is harnimesh@gmail.com